नमस्कार दोस्तों!👋
यदि आप SSC, Banking, Railway, UPSSSC या किसी भी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, तो
आप जानते हैं कि कंप्यूटर जागरूकता (Computer Awareness) एक कितना महत्वपूर्ण सेक्शन है। इस सेक्शन में,
कंप्यूटर की पीढ़ियों (Generations of Computer) से जुड़े सवाल लगभग हर परीक्षा में पूछे जाते हैं। अक्सर छात्र
पहली, दूसरी, तीसरी, चौथी और पाँचवीं पीढ़ी के बीच की मुख्य तकनीक (Main Technology), समय अवधि (Time Period) और उदाहरणों
(Examples) को लेकर भ्रमित (confuse) हो जाते हैं।
Rojgarbytes द्वारा प्रस्तुत यह लेख आपकी इसी समस्या का समाधान है। इस पोस्ट में, हम Generation of Computer in Hindi (1st to 5th) को बहुत ही सरल भाषा में, स्टेप-बाय-स्टेप समझेंगे। हम पहली पीढ़ी के विशाल वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tubes) से लेकर आज की 5वीं पीढ़ी के AI (Artificial Intelligence) तक का पूरा सफर, बहुत ही आसान भाषा में और स्टेप-बाय-स्टेप समझेंगे। यह Computer Generation Notes in Hindi आपकी तैयारी को इतना मजबूत कर देंगे कि इस टॉपिक से आपका एक भी नंबर नहीं कटेगा!
कंप्यूटर की पीढ़ियाँ क्या हैं? (What is Generation of Computer?)
कंप्यूटर की पीढ़ियाँ (Generations of Computers) कंप्यूटर के तकनीकी विकास के इतिहास को अलग-अलग चरणों (Phases) में बांटने का एक तरीका है। हर नई पीढ़ी पहले से बेहतर, तेज, छोटी, सस्ती और अधिक भरोसेमंद (Reliable) तकनीक पर आधारित होती थी।
मुख्य रूप से, यह वर्गीकरण (classification) कंप्यूटर में इस्तेमाल होने वाली कोर प्रोसेसिंग यूनिट (Core Processing Unit) की तकनीक पर आधारित है। जैसे-जैसे तकनीक वैक्यूम ट्यूब से ट्रांजिस्टर, फिर IC और अब AI तक बदली, वैसे-वैसे हम कंप्यूटर की नई पीढ़ियों में प्रवेश करते गए।
कंप्यूटर की पहली पीढ़ी (First Generation of Computer in Hindi)
- समय अवधि: 1946 – 1959
- मुख्य घटक: वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tubes)
- पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों में प्रोसेसिंग (Processing) और मेमोरी (Memory) के लिए वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tubes) का इस्तेमाल होता था। ये कांच के बल्ब जैसे दिखते थे, जो बहुत अधिक गर्मी पैदा करते थे और अक्सर खराब हो जाते थे।
- विशेषताएँ (Features):
- आकार (Size): ये आकार में बहुत बड़े होते थे, अक्सर एक पूरे कमरे के बराबर।
- गति (Speed): ये उस समय के सबसे तेज गणना (calculation) करने वाले उपकरण थे।(इनकी गति मिलीसेकण्ड से मापी जाती थी)
- इनपुट (Input): आज के कीबोर्ड (Keyboard) की जगह, पहली पीढ़ी में डेटा इनपुट करने के लिए मुख्य रूप से पंच्ड कार्ड्स (Punched Cards) और पेपर टेप (Paper Tape) का इस्तेमाल होता था। इन कार्ड्स या टेप पर छेद (holes) करके निर्देशों (instructions) और डेटा को कंप्यूटर में डाला जाता था।
- आउटपुट (Output): उस समय आज के मॉनिटर (Monitor) नहीं होते थे। रिजल्ट (Result) या आउटपुट देखने के लिए प्रिंटआउट (Printouts) (जो एक तरह के टाइपराइटर से निकलते थे) और पंच्ड कार्ड्स (Punched Cards) का ही इस्तेमाल होता था। (यानी, कंप्यूटर गणना (calculation) करके नए पंच्ड कार्ड्स पर रिजल्ट को पंच कर देता था)।
- प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory): आज की RAM (Random Access Memory) की तरह, पहली पीढ़ी में मेन मेमोरी (Main Memory) के तौर पर मैग्नेटिक ड्रम (Magnetic Drum) का इस्तेमाल किया जाता था। यह एक घूमता हुआ (rotating) सिलेंडर होता था, जिस पर डेटा को मैग्नेटिक रूप से लिखा और पढ़ा जाता था। (कुछ शुरुआती कंप्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब्स (Vacuum Tubes) का भी मेमोरी के तौर पर इस्तेमाल हुआ, लेकिन मैग्नेटिक ड्रम ज़्यादा प्रचलित था)।
- सेकेंडरी स्टोरेज (Secondary Storage): आज की हार्ड डिस्क (HDD) या SSD की तरह, उस समय डेटा को स्थायी (permanent) रूप से स्टोर करने के लिए मैग्नेटिक टेप (Magnetic Tapes) का उपयोग किया जाता था। ये आज के ऑडियो कैसेट की तरह दिखते थे, जिन पर डेटा को क्रम से (sequentially) स्टोर किया जाता था।
- ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System): आज के GUI/CLI OS की तरह पहली पीढ़ी में कोई ऑपरेटिंग सिस्टम (No Operating System - OS) नहीं था। कंप्यूटर को चलाने के लिए प्रोग्रामर को सीधे मशीनी भाषा (Machine Language) में निर्देशों (instructions) का सेट देना पड़ता था। एक समय में केवल एक ही प्रोग्राम (program) चलता था और सारे काम मैन्युअल (manual) तरीके से होते थे।
- भाषा (Language):
- उस समय आज के जैसे उच्च स्तरीय भाषाएं (जैसे पायथन, सी++) और Compiler या Interpreter जैसा कोई अनुवादक (translator) विकसित नहीं हुआ था। कंप्यूटर को समझ आने वाली केवल एकमात्रा भाषा थी - मशीनी भाषा (Machine Language), जो बाइनरी कोड (0 और 1) पर आधारित थी। प्रोग्राम को 0 और 1 के सीक्वेंस (बाइनरी कोड) में लिखना पड़ा था। ये बहुत ही मुश्किल और गलतियों से भरा काम था।
- पहली पीढ़ी के आखिरी सालों में असेंबली भाषा (Assembly Language) का विकास हुआ। इसमे मशीन कोड के निर्देशों को आसान कोड (जैसे ADD, SUB, LOAD) में याद रखा जाएगा। एक खास प्रोग्राम "असेम्बलर" इन कोड्स को मशीन लैंग्वेज में बदल देता था। फिर भी, ये आज की भाषाओं की तुलना में बहुत निम्न-स्तरीय और मशीन-विशिष्ट थी।
- सीमाएँ (Limitations):
- गर्मी (Heat): ये बहुत अधिक गर्मी (heat) पैदा करते थे जिस वजह से एयर कंडीशनर (AC) सिस्टम चलाना अनिवार्य हो जाता था।
- बिजली की खपत (Power Consumption): एक साथ हजारों की संख्या में वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tubes) चलने के कारण बिजली की खपत बहुत ज्यादा थी।
- दक्षता (Efficiency): वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tubes) अक्सर खराब (unreliable) हो जाते थे जिससे इनकी गणना कम भरोसेमंद होती थी।
- पोर्टेबिलिटी: ये कंप्यूटर पूरी तरह से गैर-पोर्टेबल (Non-portable) थे।
- उदाहरण (Examples):
- ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Computer) - पहला सफल डिजिटल कंप्यूटर
- EDVAC (Electronic Discrete Variable Automatic Computer)
- EDSAC (Electronic Delay Storage Automatic Calculator)
- UNIVAC-1 (Universal Automatic Computer) - पहला व्यावसायिक कंप्यूटर
- SEAC (Standards Electronic Automatic Computer)
- IBM 701 और IBM 650
कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी (Second Generation of Computer in Hindi)
- समय अवधि: 1959 – 1965
- मुख्य तकनीक: ट्रांजिस्टर (Transistors)
- वैक्यूम ट्यूब की जगह ट्रांजिस्टर का आविष्कार एक क्रांतिकारी कदम था। अब वैक्यूम ट्यूब का सारा काम ट्रांजिस्टर से होने लगा। यह वैक्यूम ट्यूब से बहुत छोटा, तेज, सस्ता और अधिक भरोसेमंद था।
- ट्रांजिस्टर का आविष्कार 1947 में बेल लैब्स (Bell Labs) में हुआ था।
- विशेषताएँ (Features):
- आकार (Size):ट्रांजिस्टर के कारण कंप्यूटर छोटे, तेज और अधिक ऊर्जा-कुशल (energy-efficient) हो गए।
- गति (Speed): गति तेज होकर माइक्रोसेकंड (microseconds) तक पहुँच गई।
- इनपुट (Input): दूसरी पीढ़ी में भी डेटा इनपुट करने के लिए मुख्य रूप से पंच्ड कार्ड्स (Punched Cards) और पेपर टेप (Paper Tape) का ही इस्तेमाल जारी रहा।
- आउटपुट (Output): आउटपुट के लिए मुख्य रूप से लाइन प्रिंटर्स (Line Printers) से निकलने वाले प्रिंटआउट (Printouts) और पंच्ड कार्ड्स (Punched Cards) का ही उपयोग किया जाता था।
- प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory): दूसरी पीढ़ी में मेन मेमोरी (Main Memory) के लिए मैग्नेटिक कोर मेमोरी (Magnetic Core Memory) का इस्तेमाल किया गया। यह छोटी-छोटी चुंबकीय छल्लों (magnetic rings) या 'डोनट्स' (donuts) से बनी होती थी, जो डेटा को 0 या 1 के रूप में स्टोर करती थीं। यह मैग्नेटिक ड्रम (1st Gen) से तेज और ज़्यादा भरोसेमंद थी।
- सेकेंडरी स्टोरेज (Secondary Storage): सेकेंडरी स्टोरेज के लिए मैग्नेटिक टेप (Magnetic Tapes) का उपयोग प्रमुखता से जारी रहा। साथ ही, इसी पीढ़ी में (देर से) मैग्नेटिक डिस्क (Magnetic Disks) (जो आज की हार्ड डिस्क के पूर्वज थे) का भी आविष्कार और उपयोग शुरू हो गया था, जिसने डेटा को रैंडमली एक्सेस (randomly access) करना संभव बनाया।
- ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System): इस पीढ़ी में ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) की शुरुआत हुई। इन्हें बैच ऑपरेटिंग सिस्टम (Batch Operating Systems) या बैच प्रोसेसिंग सिस्टम (Batch Processing Systems) कहा जाता था। ये OS एक बार में एक जैसे कई कामों (Jobs) का एक बैच (Batch) बनाकर उन्हें एक के बाद एक (sequentially) चलाते थे हालांकि यह आज के GUI या CLI जैसे इंटरैक्टिव (interactive) बिल्कुल नहीं थे।
- प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (Programming Language): हाँ, इस पीढ़ी में मशीनी भाषा के साथ-साथ असेंबली भाषा (Assembly Language) और उच्च-स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा (High-Level Programming Languages) जैसे FORTRAN और COBOL का विकास हुआ।
- असेंबली भाषा (Assembly Language): यह एक निम्न-स्तरीय भाषा (Low-Level Language) थी, जो मशीनी भाषा (0 और 1) से आसान थी।
- FORTRAN (Formula Translation): यह पहली प्रमुख उच्च-स्तरीय भाषा थी, जिसे वैज्ञानिक और गणितीय गणनाओं के लिए बनाया गया था।
- COBOL (Common Business-Oriented Language): इसे व्यावसायिक (business) डेटा प्रोसेसिंग के लिए बनाया गया था।
- सीमाएँ (Limitations):
- ट्रांजिस्टर (Transistors) के उपयोग से इस पीढ़ी के कम्प्यूटर अपेक्षाकृत छोटे, तेज और सस्ते हो गए हालांकि अभी भी काफी महंगे थे और इन्हें ठंडा रखने के लिए एयर कंडीशनिंग (AC) की जरूरत पड़ती थी।
- पोर्टेबिलिटी (Portability): अभी भी गैर-पोर्टेबल (Non-portable) थे, हालाँकि डिज़ाइन और आकार में काफी सुधार हुआ।
- उदाहरण (Examples):
- IBM 1401 (व्यापक रूप से सफल)
- IBM 7094
- CDC 1604 / 3600
- IBM 1620
- IBM 7090 / 7094
- UNIVAC 1108 / 1107
- Honeywell 400
- ATLAS
कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी (Third Generation of Computer in Hindi)
- समय अवधि (Time Period): लगभग 1964 से 1971 तक
- मुख्य घटक (Main Components): इंटीग्रेटेड सर्किट (Integrated Circuit - IC)
- तीसरी पीढ़ी की क्रांति इंटीग्रेटेड सर्किट (Integrated Circuit - IC) (जिसे सिलिकॉन चिप (Silicon Chip) भी कहते हैं) के आविष्कार से आई। IC एक छोटी चिप होती है जो कई इलेक्ट्रॉनिक घटकों—जैसे ट्रांजिस्टर (Transistors), प्रतिरोधक (Resistors), और कैपेसिटर (Capacitors)—को एक ही सब्सट्रेट पर एकीकृत (integrate) करती है।
- विशेषताएँ (Features):
- आकार (Size): कंप्यूटर इतने छोटे हो गए कि उन्हें मिनीकंप्यूटर (Minicomputers) कहा जाने लगा।
- प्रदर्शन (Performance): कंप्यूटर की गति (speed) और दक्षता (efficiency) में भारी वृद्धि हुई। (गति नैनोसेकंड (Nanoseconds) में मापी जाने लगी)
- इनपुट (Input):
- यह वह पीढ़ी थी जहाँ कीबोर्ड (Keyboard) का इस्तेमाल शुरू हुआ। कीबोर्ड और मॉनिटर (Monitor) को एक साथ "टर्मिनल" (Terminal) के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा, जिससे यूज़र्स पहली बार कंप्यूटर से सीधे इंटरैक्ट (interact) कर सकते थे।
- लेकिन पिछली पीढ़ी के पंच्ड कार्ड्स (Punched Cards) का इस्तेमाल अभी भी बैच प्रोसेसिंग (Batch Processing) के लिए बड़े सिस्टमों में जारी रहा।
- आउटपुट (Output): इनपुट कीबोर्ड से शुरू हुआ, तो आउटपुट के लिए मॉनिटर्स (Monitors) (स्क्रीन) का इस्तेमाल शुरू हो गया, जहाँ यूज़र्स तुरंत अपना रिजल्ट देख सकते थे। इसके अलावा, प्रिंटर्स (Printers) भी बहुत उन्नत (advanced) हो गए थे और आउटपुट छापने के लिए प्रमुखता से इस्तेमाल होते रहे।
- प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory):
- इस पीढ़ी में दूसरी पीढ़ी की मैग्नेटिक कोर मेमोरी (Magnetic Core Memory) का इस्तेमाल शुरू में जारी रहा (जैसे IBM 360 में)।
- लेकिन, इसी पीढ़ी की सबसे बड़ी क्रांति सेमीकंडक्टर मेमोरी (Semiconductor Memory) (जो ICs से बनी होती थी) का आविष्कार था, जिसने मैग्नेटिक कोर को रिप्लेस करना शुरू कर दिया। यह आज की RAM की तरह तेज, छोटी और सस्ती थी।
- सेकेंडरी स्टोरेज (Secondary Storage):
- मैग्नेटिक डिस्क (Magnetic Disks) का उपयोग बहुत ज़्यादा बढ़ गया। वे दूसरी पीढ़ी की तुलना में बहुत तेज़ और ज़्यादा स्टोरेज (large capacity) वाले हो गए।
- मैग्नेटिक टेप (Magnetic Tapes) का इस्तेमाल मुख्य रूप से डेटा का बैकअप (Backup) लेने या डेटा को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने (archival) के लिए होने लगा।
- ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System): इस पीढ़ी में ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) बहुत शक्तिशाली (powerful) हो गए।
- टाइम-शेयरिंग (Time-Sharing) OS: यह OS की सबसे बड़ी उपलब्धि थी। यह एक ही कंप्यूटर को एक साथ कई यूज़र्स (multi-users) द्वारा इस्तेमाल करने की सुविधा देता था।
- मल्टी-प्रोग्रामिंग (Multi-programming): OS अब एक ही समय में मेमोरी में एक से ज़्यादा प्रोग्राम रख सकता था, जिससे CPU का खाली समय (idle time) बहुत कम हो गया।
- हालांकि, ये ऑपरेटिंग सिस्टम अभी भी मुख्य रूप से कमांड-लाइन इंटरफ़ेस (CLI) आधारित थे।
- प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (Programming Language): यह पीढ़ी उच्च-स्तरीय भाषाओं (HLLs) के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी। FORTRAN और COBOL (जो 2nd Gen में आईं थीं) का उपयोग जारी रहा और वे ज़्यादा मानक (standardized) बन गईं। कई नई HLLs का जन्म हुआ, जिन्होंने प्रोग्रामिंग को और आसान बनाया, जैसे:
- BASIC (Beginners' All-purpose Symbolic Instruction Code)
- PL/I (Programming Language One)
- PASCAL
- उदाहरण (Examples):
- IBM-360
- IBM 370
- PDP-8 (Personal Data Processor) – इसे पहला सफल मिनी-कंप्यूटर माना जाता है।
- PDP-11
- ICL 2900
- Honeywell 6000
- TDC 316
कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी (Fourth Generation of Computer in Hindi)
- समय अवधि (Time Period): लगभग 1971 से 1980 (कुछ स्रोत 1985 या वर्तमान तक भी मानते हैं, लेकिन 1980 के बाद 5वीं पीढ़ी की शुरुआत मानी जाती है)।
- मुख्य घटक: माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessor - VLSI)
- चौथी पीढ़ी की शुरुआत माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessor) के आविष्कार से हुई। माइक्रोप्रोसेसर एक सिंगल चिप होती है जिसमें पूरा सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU) समाहित होता है। इसमें VLSI (Very Large Scale Integration) तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जिससे एक चिप पर लाखों ट्रांजिस्टर लगाए जा सकते थे।
- आकार (Size): कंप्यूटर इतने छोटे हो गए कि उन्हें डेस्क पर रखा जा सकता था। यहीं से पर्सनल कंप्यूटर (PC) या माइक्रो-कंप्यूटर (Microcomputer) का युग शुरू हुआ। कंप्यूटर पोर्टेबल (portable) और सस्ते हो गए थे और उन्हें घरों और ऑफिसों में इस्तेमाल किया जा सका (जैसे IBM PC, Apple II)।
- इनपुट (Input): इस पीढ़ी में कीबोर्ड (Keyboard) इनपुट के लिए मानक (standard) डिवाइस बन गया। सबसे बड़ा आविष्कार माउस (Mouse) का था, जिसे ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) के साथ इस्तेमाल किया जाने लगा, जिससे कंप्यूटर चलाना बहुत आसान हो गया। इसके अलावा जॉयस्टिक (Joysticks) (गेमिंग के लिए) और स्कैनर्स (Scanners) का भी विकास हुआ।
- आउटपुट (Output):
- मॉनिटर्स (Monitors): मॉनिटर आम हो गए। शुरू में ये मोनोक्रोम (Monochrome - यानी ब्लैक एंड व्हाइट या ग्रीन स्क्रीन) थे, लेकिन इसी पीढ़ी में कलर मॉनिटर्स (Color Monitors) भी आ गए।
- प्रिंटर्स (Printers): डॉट मैट्रिक्स (Dot Matrix) प्रिंटर बहुत आम थे। इसी पीढ़ी के अंत तक इंकजेट (Inkjet) और लेज़र प्रिंटर्स (Laser Printers) की भी शुरुआत हो गई थी, जिनसे बेहतर क्वालिटी की छपाई होती थी।
- प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory): आज की RAM की तरह, इस पीढ़ी में सेमीकंडक्टर मेमोरी (Semiconductor Memory) का ही इस्तेमाल होता था, जो VLSI (Very Large Scale Integration) चिप्स पर बनी होती थीं। इन्हें ही DRAM (Dynamic Random Access Memory) कहा गया। ये पिछली पीढ़ी की तुलना में बहुत तेज, छोटी और सस्ती हो गईं।
- सेकेंडरी स्टोरेज (Secondary Storage):
- मैग्नेटिक डिस्क (Magnetic Disks): यानी हार्ड ड्राइव्स (Hard Drives) का इस्तेमाल प्रमुखता से होने लगा। ये आकार में छोटी और स्टोरेज क्षमता में बहुत बड़ी हो गईं।
- फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disks): इस पीढ़ी में डेटा को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में ले जाने (portable storage) के लिए 5.25-इंच और बाद में 3.5-इंच की फ्लॉपी डिस्क का आविष्कार हुआ, जो बहुत लोकप्रिय हुईं।
- ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System): यह OS के लिए सबसे क्रांतिकारी पीढ़ी थी।
- GUI (Graphical User Interface): पहली बार ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (जैसे कि Apple Macintosh और बाद में Microsoft Windows में) आया। इसमें यूज़र्स आइकॉन (icons), मेन्यू (menus) और फोल्डर्स (folders) को माउस से क्लिक कर सकते थे।
- CLI (Command-Line Interface): GUI के साथ-साथ MS-DOS (Microsoft Disk Operating System) जैसा CLI-आधारित OS भी बेहद लोकप्रिय था, जिसमें कमांड्स टाइप करनी पड़ती थीं।
- UNIX: यह भी एक शक्तिशाली OS था जिसका इस्तेमाल विश्वविद्यालयों और कंपनियों में होता था।
- प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (Programming Language): इस पीढ़ी में बहुत शक्तिशाली और आज भी इस्तेमाल होने वाली HLLs (High-Level Languages) का विकास हुआ:
- C और C++: ये दो सबसे महत्वपूर्ण भाषाएँ थीं, जिनका इस्तेमाल ऑपरेटिंग सिस्टम (जैसे Windows) और बड़े सॉफ्टवेयर बनाने के लिए किया गया।
- DBASE एक महत्वपूर्ण डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली (Database Management System - DBMS) थी जिसका उपयोग डेटाबेस बनाने और प्रबंधित करने के लिए किया जाता था।
- SQL (Structured Query Language): इसे डेटाबेस (Database) से जानकारी निकालने और मैनेज करने के लिए बनाया गया, जो आज भी मानक (standard) है।
- BASIC, PASCAL, COBOL का इस्तेमाल भी जारी रहा।
- नेटवर्किंग और कनेक्टिविटी (Networking and Connectivity): इस पीढ़ी में कंप्यूटर नेटवर्किंग (Computer Networking) और इंटरनेट का जन्म हुआ।
- नेटवर्किंग (Networking): कंप्यूटरों को आपस में जोड़ने के लिए LAN (Local Area Network) और Ethernet जैसी तकनीकों का विकास हुआ।
- इंटरनेट (Internet): इसी पीढ़ी में ARPANET (इंटरनेट का पूर्वज) का विकास हुआ और TCP/IP प्रोटोकॉल को अपनाया गया, जिसने आज के इंटरनेट की नींव रखी।
- उदाहरण (Examples)
- पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computers):
- IBM PC (1981)
- Apple Macintosh
- Apple II
- ZX – Spectrum
- मिनी/मेनफ्रेम कंप्यूटर (Mini/Mainframe Computers)
- PDP 11
- DEC 10
- VAX - 9000
- सुपर कंप्यूटर (Super Computers):
- STAR 1000
- CRAY 1
- CRAY-X_MP
कंप्यूटर की पाँचवीं पीढ़ी (Fifth Generation of Computer in Hindi)
- समय अवधि: लगभग 1980 से वर्तमान (Present) और आगे (Beyond)
- मुख्य घटक: AI और ULSI (Artificial Intelligence & ULSI)
- पाँचवीं पीढ़ी, जो वर्तमान और भविष्य की पीढ़ी है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence - AI) पर आधारित है। इसमें ULSI (Ultra Large Scale Integration) तकनीक का उपयोग होता है, जिससे एक चिप पर करोड़ों कॉम्पोनेन्ट आ सकते हैं।
- मुख्य फोकस (Main Focus): AI (Artificial Intelligence), मशीन लर्निंग (Machine Learning), नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (Natural Language Processing - NLP) पर है।
- प्रोसेसिंग (Processing): पैरेलल प्रोसेसिंग (Parallel Processing) का उपयोग होता है, जिससे कंप्यूटर एक साथ कई जटिल काम कर सकते हैं (जैसे सुपर कंप्यूटर)।
- कम्युनिकेशन (Communication): मोबाइल कम्युनिकेशन और सैटेलाइट कम्युनिकेशन ने कंप्यूटिंग को सर्वव्यापी (ubiquitous) बना दिया है, जिससे डिवाइस हर समय जुड़े रहते हैं।
- तकनीक (Technology): क्वांटम कंप्यूटिंग (Quantum Computing) और नैनो टेक्नोलॉजी (Nano Technology) पर शोध (research) जारी है।
- डिवाइस (Devices): लैपटॉप (Laptops), स्मार्टफोन (Smartphones), टैबलेट (Tablets), रोबोटिक्स (Robotics) और स्मार्ट डिवाइस (Smart Devices) इसी पीढ़ी का हिस्सा हैं।
- उदाहरण (Examples): डेस्कटॉप, लैपटॉप, स्मार्टफोन, रोबोट्स, AI-आधारित सिस्टम (जैसे Google Assistant, Alexa), सुपर कंप्यूटर (जैसे PARAM)।
- फायदे (Pros): अत्यंत तेज गति, बहुत छोटे आकार (portable), उपयोग में बेहद आसान (User-friendly) और सोचने-समझने (AI) की क्षमता का विकास।
- नुकसान (Cons): AI सिस्टम को विकसित करना बहुत जटिल और महंगा है, और डेटा प्राइवेसी (Data Privacy) एक बड़ी चुनौती है।
Computer Generation Chart in Hindi (1st to 5th) - एक नज़र में
यह Computer Generation Chart in Hindi आपकी परीक्षा के लिए त्वरित रिविज़न (quick revision) में मदद करेगा:
| पीढ़ी (Generation) | मुख्य घटक (Main Component) | समय अवधि (Time Period) | भाषा (Language) | गति (Speed) | उदाहरण (Examples) |
|---|---|---|---|---|---|
| पहली (1st) | वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tubes) | 1940-1956 | मशीनी भाषा | Milliseconds | ENIAC, UNIVAC |
| दूसरी (2nd) | ट्रांजिस्टर (Transistor) | 1956-1963 | असेंबली, FORTRAN | Microseconds | IBM 1401, CDC 1604 |
| तीसरी (3rd) | इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) | 1964-1971 | उच्च-स्तरीय (BASIC) | Nanoseconds | IBM-360, PDP-8 |
| चौथी (4th) | माइक्रोप्रोसेसर (VLSI) | 1971-1980 | GUI आधारित, C++ | Picoseconds | IBM PC, Apple II |
| पाँचवीं (5th) | AI और ULSI | 1980-वर्तमान | AI, नेचुरल लैंग्वेज | GHz | Laptops, Smartphones |
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य (Key facts for Computer Generaions in Hindi)
यहाँ Computer Generation Short Notes के तौर पर कुछ सबसे महत्वपूर्ण वन-लाइनर (one-liner) तथ्य दिए गए हैं जो सीधे परीक्षा में पूछे जाते हैं:
- वैक्यूम ट्यूब का आविष्कार ली डे फॉरेस्ट (Lee De Forest) ने 1906 में किया था।
- ट्रांजिस्टर का आविष्कार 1947 में बेल लैब्स में जॉन बार्डीन (John Bardeen), वाल्टर ब्रेटन (Walter Brattain) और विलियम शॉकली (William Shockley) ने किया था।
- इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) का आविष्कार जैक किल्बी (Jack Kilby) और रॉबर्ट नॉयस (Robert Noyce) ने 1958-59 में किया था।
- माइक्रोप्रोसेसर (दुनिया का पहला - Intel 4004) 1971 में टेड हॉफ (Ted Hoff) और उनकी टीम द्वारा इंटेल (Intel) में बनाया गया था।
- FORTRAN (Formula Translation) पहली उच्च-स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा थी, जो दूसरी पीढ़ी में आई।
- ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) का व्यवस्थित उपयोग तीसरी पीढ़ी में शुरू हुआ।
- पर्सनल कंप्यूटर (PC) का विकास चौथी पीढ़ी में हुआ।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पाँचवीं पीढ़ी की मुख्य विशेषता है।
संदेहास्पद प्रश्न (Doubtful Questions)
यहाँ कुछ ऐसे प्रश्न दिए गए हैं जिनमें छात्रों को अक्सर संदेह (doubt) होता है:
प्रश्न: क्या ENIAC पहला कंप्यूटर था?
स्पष्टीकरण: ENIAC को अक्सर पहला सफल, सामान्य-उद्देश्यीय
(general-purpose), इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर माना जाता है। लेकिन इससे पहले भी Z3 (कोनराड ज़्यूस द्वारा) और ABC
(अटानासॉफ़-बेरी कंप्यूटर) जैसे मैकेनिकल और इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कंप्यूटर मौजूद थे। परीक्षा के नजरिये से, ENIAC को ही
पहली पीढ़ी का मुख्य उदाहरण माना जाता है।
प्रश्न: IC और माइक्रोप्रोसेसर में क्या अंतर है?
स्पष्टीकरण: एक IC (तीसरी पीढ़ी) एक चिप होती है जिस पर कई
इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट (जैसे ट्रांजिस्टर) होते हैं, जो कोई एक विशेष काम (जैसे amplifier) कर सकती है। जबकि एक
माइक्रोप्रोसेसर (चौथी पीढ़ी) एक पूर्ण CPU (Central Processing Unit) ही एक सिंगल चिप पर होता है। यानी, माइक्रोप्रोसेसर
एक बहुत जटिल और उन्नत (advanced) IC है।
प्रश्न: क्या हम अभी चौथी या पाँचवीं पीढ़ी में हैं?
स्पष्टीकरण: यह एक बहस का विषय है। अधिकांश अकादमिक
(academic) और परीक्षा-उन्मुख (exam-oriented) वर्गीकरण के अनुसार, 1980 के दशक से पाँचवीं पीढ़ी (Fifth Generation) शुरू
हो गई थी, जो AI, मशीन लर्निंग और ULSI पर केंद्रित है। हम वर्तमान में पाँचवीं पीढ़ी में हैं।
प्रश्न: ट्रांजिस्टर और वैक्यूम ट्यूब में मुख्य अंतर क्या था?
स्पष्टीकरण: मुख्य अंतर तकनीक और आकार का था।
वैक्यूम ट्यूब बिजली से गर्म होकर एलेक्ट्रोंस को कण्ट्रोल करते थे (जैसे बल्ब), जबकि ट्रांजिस्टर सेमीकंडक्टर
(Semiconductor) (जैसे सिलिकॉन) पदार्थ से बने थे और बिना गर्मी पैदा किए बिजली को स्विच या एम्प्लीफाई कर सकते थे।
प्रश्न: मशीनी भाषा (Machine Language) और असेंबली भाषा (Assembly Language) क्या हैं?
स्पष्टीकरण: मशीनी
भाषा (पहली पीढ़ी) 0 और 1 की भाषा है जिसे कंप्यूटर सीधे समझता है। यह इंसानों के लिए लगभग असंभव है। असेंबली भाषा (दूसरी
पीढ़ी) में 0 और 1 की जगह कुछ सांकेतिक कोड (Mnemonics) (जैसे ADD, SUB, MOV) इस्तेमाल किए गए, जिसे एक 'असेंबलर'
(Assembler) मशीनी भाषा में बदल देता था। यह मशीनी भाषा से थोड़ी आसान थी।
सही/गलत (True/False)
नीचे दिए गए कथनों को पढ़ें और तय करें कि वे सही हैं या गलत। यह आपकी समझ को परखेगा।
- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल होता था। (❌ गलत)
- UNIVAC एक पहली पीढ़ी का कंप्यूटर है। (✅ सही)
- ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग तीसरी पीढ़ी में शुरू हुआ। (✅ सही)
- COBOL एक मशीनी भाषा है। (❌ गलत)
- VLSI का मतलब 'Very Long Scale Integration' है। (❌ गलत)
- AI (Artificial Intelligence) पाँचवीं पीढ़ी का आधार है। (✅ सही)
- जैक किल्बी ने ट्रांजिस्टर का आविष्कार किया था। (❌ गलत, उन्होंने IC का किया था)
- चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों ने GUI (Graphical User Interface) को लोकप्रिय बनाया। (✅ सही)
- ट्रांजिस्टर वैक्यूम ट्यूब से छोटे और सस्ते थे। (✅ सही)
- ENIAC में ICs का प्रयोग किया गया था। (❌ गलत, वैक्यूम ट्यूब का)
निष्कर्ष (Conclusion)
दोस्तों, इस लेख में हमने Generation of Computer in Hindi (1st to 5th) के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को विस्तार से कवर किया है। हमने देखा कि कैसे वैक्यूम ट्यूब से शुरू होकर आज हम AI और क्वांटम कंप्यूटिंग के युग तक पहुँचे हैं।
यह Computer Generation Notes in Hindi आपकी सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बेहद उपयोगी साबित होंगे। इस Computer 1st to 5th Generation Pdf Notes (आप इस पेज को PDF के रूप में सेव कर सकते हैं) को अच्छे से पढ़ें और टेबल (Chart) को जरूर याद कर लें।
अगले अध्याय में, हम कंप्यूटर के प्रकार (Types of Computers - Analog, Digital, Hybrid, Supercomputer, etc.) के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे। अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1: कंप्यूटर की 5 पीढ़ियाँ कौन सी हैं (1st to 5th Generation)?
Ans: 1. पहली पीढ़ी (वैक्यूम ट्यूब), 2.
दूसरी पीढ़ी (ट्रांजिस्टर), 3. तीसरी पीढ़ी (इंटीग्रेटेड सर्किट - IC), 4. चौथी पीढ़ी (माइक्रोप्रोसेसर - VLSI), 5. पाँचवीं
पीढ़ी (AI और ULSI).
Q2: VLSI और ULSI का फुल फॉर्म क्या है?
Ans: VLSI का फुल फॉर्म Very Large Scale Integration (वेरी लार्ज
स्केल इंटीग्रेशन) है। ULSI का फुल फॉर्म Ultra Large Scale Integration (अल्ट्रा लार्ज स्केल इंटीग्रेशन) है।
Q3: पर्सनल कंप्यूटर (PC) किस पीढ़ी में आए?
Ans: पर्सनल कंप्यूटर (PC) या माइक्रो-कंप्यूटर चौथी पीढ़ी
(Fourth Generation) में माइक्रोप्रोसेसर के आविष्कार के बाद आए।
Q4: पहली और दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में मुख्य अंतर क्या था?
Ans: मुख्य अंतर कोर कॉम्पोनेन्ट का था। पहली
पीढ़ी में धीमी, बड़ी और गर्म वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल होता था, जबकि दूसरी पीढ़ी में तेज, छोटी और ठंडी ट्रांजिस्टर
तकनीक का इस्तेमाल शुरू हुआ।
Q5: 'फादर ऑफ माइक्रोप्रोसेसर' किसे कहा जाता है?
Ans: टेड हॉफ (Ted Hoff) को 'फादर ऑफ माइक्रोप्रोसेसर' कहा
जाता है, क्योंकि उन्होंने 1971 में इंटेल 4004 चिप की टीम का नेतृत्व किया था।
