
नमस्ते दोस्तों, 👋
क्या आप UPSSSC द्वारा आयोजित की जाने वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे VDO, Junior Assistant, Auditor, Stenographer, Forest Guard या अन्य किसी भी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं? अगर हाँ, तो आपने यह अवश्य महसूस किया होगा कि अब कंप्यूटर विषय (UPSSSC Computer Syllabus) को नजरअंदाज करना असंभव है। पहले जहाँ कंप्यूटर से कुछ गिने-चुने और आसान प्रश्न पूछे जाते थे, वहीं अब आयोग (Commission) ने इसके पैटर्न और कठिनाई के स्तर में भारी बदलाव कर दिया है। कंप्यूटर अब एक स्कोरिंग विषय होने के साथ-साथ एक ऐसा विषय बन गया है जो आपकी सफलता और असफलता के बीच का अंतर तय कर सकता है।
इस बदलाव के कारण अब कंप्यूटर में पूरे अंक लाना एक टेढ़ी खीर बन गया है। लेकिन घबराइए नहीं! यह आर्टिकल आपकी इसी समस्या का समाधान करने के लिए है। इसमें, हम UPSSSC परीक्षाओं के लिए कंप्यूटर के महत्व, इसके विस्तृत सिलेबस, हाल के वर्षों में हुए बदलाव, और इस विषय में पूरे अंक प्राप्त करने की सर्वोत्तम रणनीति पर गहराई से चर्चा करेंगे। यह लेख आपको न केवल सही दिशा में तैयारी करने में मदद करेगा, बल्कि उन सभी आवश्यक संसाधनों तक भी पहुंचाएगा जो आपकी तैयारी को और भी मजबूत बनाएंगे।
UPSSSC परीक्षाओं में कंप्यूटर का महत्व क्यों बढ़ गया है?
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली लगभग सभी प्रमुख परीक्षाओं में कंप्यूटर ज्ञान एक अनिवार्य विषय बना चुका है। इसका मुख्य कारण सरकारी कामकाज का तेजी से डिजिटलीकरण (Digitalization) होना है। आज एक क्लर्क से लेकर एक अधिकारी तक, सभी को कंप्यूटर पर काम करना पड़ता है। इसी आवश्यकता को देखते हुए आयोग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि चयनित उम्मीदवार तकनीकी रूप से कुशल हों।
पहले कंप्यूटर के प्रश्न केवल बेसिक नॉलेज (जैसे- इनपुट/आउटपुट डिवाइस, MS Office) तक सीमित रहते थे। लेकिन अब एडवांस्ड टॉपिक्स जैसे कि नेटवर्किंग (Networking), साइबर सुरक्षा (Cyber Security), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), और बिग डेटा (Big Data) से भी प्रश्न पूछे जा रहे हैं। यह बदलाव स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि आयोग अब उम्मीदवारों से सतही नहीं, बल्कि गहरी और व्यावहारिक समझ की अपेक्षा रखता है।
आयोग का उद्देश्य अब केवल यह जाँचना नहीं है कि आपको कंप्यूटर चलाना आता है या नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि आप आज की तकनीकी दुनिया (Technological World) से कितने अपडेटेड हैं। यही कारण है कि सिलेबस में आधुनिक और उभरती हुई तकनीकों (Emerging Technologies) को शामिल किया गया है।
क्या सभी UPSSSC परीक्षाओं का Computer Syllabus एक जैसा है?
एक अच्छी खबर यह है कि UPSSSC द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं जैसे VDO (ग्राम विकास अधिकारी), Junior Assistant (कनिष्ठ सहायक), Auditor (लेखा परीक्षक), Stenographer और अन्य तकनीकी पदों के लिए कंप्यूटर का सिलेबस लगभग समान है।
इसका सबसे बड़ा फायदा 💡 यह है कि यदि आप एक परीक्षा के लिए कंप्यूटर विषय की तैयारी करते हैं, तो आप स्वतः ही UPSSSC की कई परीक्षाओं को एक साथ टारगेट कर सकते हैं।
UPSSSC परीक्षाओं के लिए कंप्यूटर का नया सिलेबस
आइए अब UPSSSC Computer Syllabus को विस्तार से समझते हैं। हमने इसे दो भागों में बांटा है - Basic और Advance Topic
बेसिक टॉपिक्स (पहले भी पूछे जाते थे)
यह वह हिस्सा है जिसे छात्र आमतौर पर पढ़ते हैं और यह किसी भी सामान्य कंप्यूटर की किताब में मिल जाता है।
- कंप्यूटर का परिचय (Introduction to Computer): कंप्यूटर का इतिहास, पीढ़ियाँ (Generations), और वर्गीकरण (Classification)।
- हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर (Hardware and Software): इनपुट डिवाइस (Input Devices), आउटपुट डिवाइस (Output Devices), सीपीयू (CPU), मेमोरी (Memory), सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software)।
- ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System): Windows, Linux के बेसिक्स, OS के कार्य और प्रकार।
- एमएस ऑफिस (MS Office): वर्ड प्रोसेसिंग (MS Word), स्प्रेडशीट (MS Excel), प्रेजेंटेशन (MS PowerPoint) के महत्वपूर्ण फंक्शन्स और शॉर्टकट कीज (Shortcut Keys)।
- इंटरनेट और वर्ल्ड वाइड वेब (Internet and WWW): वेब ब्राउज़र (Web Browser), सर्च इंजन (Search Engine), यूआरएल (URL), एचटीटीपी (HTTP) आदि।
- ई-मेल और सोशल नेटवर्किंग (E-mail and Social Networking): ई-मेल भेजना, अटैचमेंट, CC, BCC, और विभिन्न सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म्स की जानकारी।
- ई-गवर्नेंस (E-governance): भारत में ई-गवर्नेंस, डिजिटल इंडिया और सरकारी ऐप्स (Apps) की जानकारी।
नए और एडवांस्ड टॉपिक्स (अब इन पर है आयोग का फोकस)
UPSSSC Computer Syllabus का यह सबसे महत्वपूर्ण और नया हिस्सा है, जहाँ से आयोग अब सबसे ज्यादा और कठिन प्रश्न बना रहा है। यही वो टॉपिक्स हैं जो ज्यादातर किताबों में मिलते ही नहीं हैं।
- फ्यूचर स्किल्स और साइबर सुरक्षा (Future Skills and Cyber Security Overview): वायरस, मैलवेयर, हैकिंग, फिशिंग, फायरवॉल, और सुरक्षित इंटरनेट ब्राउज़िंग के तरीके।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence - AI): AI क्या है, इसके प्रकार, और दैनिक जीवन में इसके उपयोग।
- बिग डेटा प्रोसेसिंग (Big Data Processing): बिग डेटा की अवधारणा (Concept) और इसका विश्लेषण (Analytics)।
- मशीन लर्निंग (Machine Learning - ML): मशीन लर्निंग के बेसिक्स और यह कैसे काम करती है।
- डीप लर्निंग (Deep Learning): यह AI का एक उन्नत रूप है, इसकी बेसिक जानकारी।
- इंटरनेट ऑफ थिंग्स (Internet of Things - IoT): IoT डिवाइसेस क्या हैं और वे कैसे जुड़ी होती हैं।
- डिजिटल वित्तीय उपकरण और एप्लिकेशन (Digital Financial Tools and Applications): UPI, ई-वॉलेट (e-Wallets), नेट बैंकिंग (Net Banking), और डिजिटल पेमेंट के अन्य तरीके।
- अन्य महत्वपूर्ण विषय: एल्गोरिदम (Algorithms), नंबर सिस्टम (Number System), लॉजिक गेट्स (Logic Gates), कंप्यूटर शॉर्टकट कीज (Shortcut Keys), फाइल एक्सटेंशन (File Extensions), मोबाइल कंप्यूटिंग (Mobile Computing), ब्लॉकचेन तकनीक (Blockchain Technology)

⚠️ चेतावनी: इन नए टॉपिक्स को नज़रअंदाज़ करना आपको परीक्षा में बहुत भारी पड़ सकता है। हाल की UPSSSC परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण बताता है कि आयोग इन नई और उभरती प्रौद्योगिकियों (Emerging Technologies) पर विशेष ध्यान दे रहा है।
लेकिन यह भी जरूरी है कि आप सिलेबस के हर बिंदु पर ध्यान दें। आयोग अब किसी भी टॉपिक से प्रश्न पूछ सकता है, इसलिए किसी भी हिस्से को छोड़ें नहीं।
क्यों अब कंप्यूटर में पूरे अंक लाना आसान नहीं?
पहले, छात्र कंप्यूटर को एक हल्के विषय के रूप में लेते थे और परीक्षा से कुछ दिन पहले पढ़कर आसानी से अच्छे अंक ले आते थे। लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। दो मुख्य कारणों से अब UPSSSC Computer Syllabus पहले से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है:
1. बदलता हुआ प्रश्न पैटर्न और स्तर
UPSSSC अब सीधे-सीधे तथ्यात्मक (Factual) प्रश्न पूछने के बजाय अवधारणा-आधारित (Concept-based) और व्यावहारिक (Practical) प्रश्न पूछ रहा है। उदाहरण के लिए, अब यह नहीं पूछा जाएगा कि "इनमें से कौन सा इनपुट डिवाइस है?", बल्कि पूछा जा सकता है कि "एक IoT इकोसिस्टम में सेंसर (Sensor) का क्या कार्य है?"। प्रश्नों का स्तर बढ़ा है और वे अब अधिक विश्लेषणात्मक (Analytical) हो गए हैं।
2. बाजार में अच्छी किताबों का अभाव
यह एक बड़ी समस्या है। बाजार में उपलब्ध अधिकांश कंप्यूटर की किताबें पुराने पैटर्न पर आधारित हैं। उनमें AI, Big Data, IoT जैसे नए और एडवांस्ड टॉपिक्स या तो हैं ही नहीं, या फिर उनकी जानकारी बहुत सतही है, जो परीक्षा के स्तर से मेल नहीं खाती। इस कारण छात्रों को सही और प्रामाणिक अध्ययन सामग्री (Study Material) नहीं मिल पा रही है।
इन कारणों से, कंप्यूटर में अब पूरे अंक प्राप्त करना एक चुनौती बन गया है, जिसके लिए एक ठोस और स्मार्ट रणनीति की आवश्यकता है।
⚠️ चेतावनी: यदि आप अभी भी केवल लुसेंट (Lucent) या किसी पुरानी किताब से पढ़ रहे हैं, तो आप परीक्षा की दौड़ में बहुत पीछे रह सकते हैं।
UPSSSC कंप्यूटर की तैयारी के लिए सर्वश्रेष्ठ रणनीति (Best Strategy)
अब सवाल यह है कि इस बदलते पैटर्न में तैयारी कैसे करें? चिंता न करें, सही दृष्टिकोण और संसाधनों के साथ हम आपके लिए एक अचूक रणनीति लेकर आए हैं:
- सिलेबस को समझें: सबसे पहले आधिकारिक UPSSSC Computer Syllabus को अच्छे से समझें और बेसिक व एडवांस्ड टॉपिक्स की एक लिस्ट बनाएँ।
- पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण करें: पिछले 1-2 वर्षों में हुई UPSSSC परीक्षाओं के कंप्यूटर प्रश्नों (PYQs) का विश्लेषण करें। इससे आपको पैटर्न में हुए बदलाव को समझने में मदद मिलेगी।
- 🔍 सही अध्ययन सामग्री चुनें: किसी एक किताब पर निर्भर न रहें। इंटरनेट, यूट्यूब और विश्वसनीय वेबसाइटों का उपयोग करें। हमारी वेबसाइट पर आपको UPSSSC के नए पैटर्न पर आधारित टॉपिक-वाइज नोट्स, डेली प्रैक्टिस सेट्स और मॉक टेस्ट बिल्कुल मुफ्त मिलेंगे। आप आज ही हमारी वेबसाइट पर जाकर इनका लाभ उठा सकते हैं!
- बुनियादी अवधारणाओं को मजबूत करें: बेसिक टॉपिक्स को हल्के में न लें। अपनी नींव मजबूत करने के लिए किसी मानक पुस्तक का उपयोग करें। रटने के बजाय, हर टॉपिक की मूल अवधारणा को समझने की कोशिश करें। उदाहरण के लिए, यह जानने के बजाय कि एंटीवायरस क्या है, यह समझें कि यह काम कैसे करता है।
- नए टॉपिक्स के लिए ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग करें: AI, IoT, Big Data जैसे टॉपिक्स के लिए विश्वसनीय वेबसाइटों, यूट्यूब चैनलों और ऑनलाइन कोर्स का सहारा लें।
- प्रैक्टिस सेट्स और मॉक टेस्ट लगाएँ: सबसे महत्वपूर्ण कदम है अभ्यास। रोजाना कम से कम 15-20 प्रश्नों को हल करने का लक्ष्य रखें। साप्ताहिक मॉक टेस्ट दें ताकि आप Time Management सीख सकें और अपनी कमजोरियों को पहचान सकें।
- शॉर्ट नोट्स बनाएं: महत्वपूर्ण शॉर्टकट कीज, फाइल एक्सटेंशन, और परिभाषाओं के लिए संक्षिप्त नोट्स (Short Notes) बनाएं ताकि आप परीक्षा से पहले जल्दी से रिवीजन कर सकें।

📚 परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य (Relevant Facts for Exams)
- ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Computer) पहला सामान्य-उद्देश्यीय इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था।
- साइबर सुरक्षा के संदर्भ में "फिशिंग" (Phishing) एक प्रकार का ऑनलाइन धोखाधड़ी है जिसमें संवेदनशील जानकारी हासिल करने का प्रयास किया जाता है।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) शब्द का पहली बार प्रयोग जॉन मैकार्थी (John McCarthy) ने 1956 में किया था।
- Python एक लोकप्रिय हाई-लेवल प्रोग्रामिंग भाषा है जिसका उपयोग AI और मशीन लर्निंग में बड़े पैमाने पर किया जाता है।
- एक IP Address (Internet Protocol Address) इंटरनेट पर आपके डिवाइस का एक अनूठा पता होता है। IPv4 32-बिट का होता है, जबकि IPv6 128-बिट का होता है।
- रैंसमवेयर (Ransomware) एक प्रकार का मैलवेयर है जो आपकी फाइलों को एन्क्रिप्ट कर देता है और उन्हें वापस पाने के लिए फिरौती की मांग करता है।
- UPI का पूरा नाम यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (Unified Payments Interface) है, जिसे NPCI द्वारा विकसित किया गया है।
- IoT डिवाइसेस में डेटा एकत्र करने के लिए मुख्य रूप से सेंसर्स (Sensors) का उपयोग किया जाता है।
- क्लाउड कंप्यूटिंग इंटरनेट पर सर्वर, स्टोरेज, डेटाबेस, नेटवर्किंग और सॉफ्टवेयर जैसी कंप्यूटिंग सेवाएं प्रदान करता है।
❓ संदेहास्पद प्रश्न (Doubtful Questions)
कथन: क्या मशीन लर्निंग (Machine Learning) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक ही हैं?
स्पष्टीकरण: नहीं। मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एक उपसमूह (Subset) है। AI एक व्यापक अवधारणा है जिसमें मशीनें इंसानों की तरह सोचती हैं, जबकि ML में मशीनें डेटा से सीखती हैं।
कथन: क्या सभी IoT डिवाइस को इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है?
स्पष्टीकरण: हमेशा नहीं। कुछ IoT डिवाइस ब्लूटूथ (Bluetooth) या अन्य स्थानीय नेटवर्क (Local Network) का उपयोग करके एक-दूसरे से संवाद कर सकते हैं, लेकिन डेटा को क्लाउड (Cloud) पर भेजने या दूर से नियंत्रित करने के लिए इंटरनेट की आवश्यकता होती है।
कथन: बिग डेटा (Big Data) का मतलब केवल बहुत अधिक डेटा होता है।
स्पष्टीकरण: यह अधूरा सच है। बिग डेटा को 3V's (Volume, Velocity, Variety) से परिभाषित किया जाता है, जिसका अर्थ है डेटा का विशाल आकार (Volume), डेटा आने की तेज गति (Velocity), और विभिन्न प्रकार का डेटा (Variety)।
कथन: MS Excel में =SUM(A1:A5) और =A1+A2+A3+A4+A5 का परिणाम हमेशा एक ही होता है।
स्पष्टीकरण: हाँ, परिणाम एक ही होगा। लेकिन SUM() फंक्शन बड़ी रेंज के लिए अधिक कुशल और सुविधाजनक तरीका है।
कथन: HTTP और HTTPS में कोई खास अंतर नहीं है।
स्पष्टीकरण: यह गलत है। HTTPS (Hypertext Transfer Protocol Secure) HTTP का सुरक्षित संस्करण (Secure Version) है। यह डेटा को एन्क्रिप्ट (Encrypt) करता है, जिससे ऑनलाइन लेनदेन और संचार सुरक्षित रहता है।
कथन: एक किलोबाइट (KB) में 1000 बाइट्स होते हैं।
स्पष्टीकरण: यह कथन तकनीकी रूप से अधूरा और भ्रामक है। डेसीमल सिस्टम में 1 KB = 1000 बाइट्स होता है, लेकिन कंप्यूटर बाइनरी सिस्टम का उपयोग करता है, जहाँ 1 KB = 1024 बाइट्स होता है। परीक्षाओं में आमतौर पर बाइनरी मान ही सही माना जाता है।
कथन: CC और BCC ईमेल में एक ही कार्य करते हैं।
स्पष्टीकरण: यह कथन गलत है। CC (Carbon Copy) में शामिल प्राप्तकर्ता एक-दूसरे की ईमेल आईडी देख सकते हैं। जबकि BCC (Blind Carbon Copy) में शामिल प्राप्तकर्ता एक-दूसरे की ईमेल आईडी नहीं देख सकते, जिससे गोपनीयता बनी रहती है।
✅ सही/गलत (True/False)
- लिनक्स (Linux) एक ओपन-सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है। (सही)
- एक वेब ब्राउज़र एक प्रकार का एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है। (सही)
- मदरबोर्ड को कंप्यूटर का 'मस्तिष्क' कहा जाता है। (गलत) - CPU को कहा जाता है
- बिग डेटा के विश्लेषण के लिए Hadoop एक लोकप्रिय फ्रेमवर्क है। (सही)
- एक बाइट (Byte) में 10 बिट्स (Bits) होते हैं। (गलत)
- कैश मेमोरी (Cache Memory) RAM से तेज होती है। (सही)
- साइबर सुरक्षा में फ़ायरवॉल (Firewall) का उपयोग अनधिकृत पहुँच को रोकने के लिए किया जाता है। (सही)
- ट्रोजन हॉर्स (Trojan Horse) एक प्रकार का एंटीवायरस है। (गलत) - यह एक प्रकार का मैलवेयर है
- आप MS Word में Mail Merge का उपयोग करके कई लोगों को एक साथ व्यक्तिगत पत्र भेज सकते हैं। (सही)
- ई-मेल में BCC का मतलब 'Blind Carbon Copy' होता है। (सही)
- IoT का मतलब 'Internet of Technology' है। (गलत)
- क्लाउड कंप्यूटिंग (Cloud Computing) में डेटा इंटरनेट पर रिमोट सर्वर पर स्टोर होता है। (सही)
❔ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: UPSSSC परीक्षाओं में कंप्यूटर से कितने प्रश्न आते हैं?
उत्तर: यह परीक्षा पर निर्भर करता है, लेकिन आमतौर पर 15 से 20 प्रश्न कंप्यूटर सेक्शन से पूछे जाते हैं, जो कुल अंकों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। Junior Assistant (कनिष्ठ सहायक), VDO (ग्राम विकास अधिकारी), Auditor (लेखा परीक्षक), और Stenographer जैसी भर्तियों में कंप्यूटर के 15 प्रश्न मेरिट बनाने और बिगाड़ने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
प्रश्न 2: UPSSSC परीक्षाओं के लिए कंप्यूटर की कौन सी किताब सबसे अच्छी है?
उत्तर: वर्तमान पैटर्न के लिए कोई एक किताब पर्याप्त नहीं है। बेसिक के लिए आप कोई भी मानक किताब पढ़ सकते हैं, लेकिन AI, Big Data जैसे नए टॉपिक्स के लिए आपको ऑनलाइन संसाधनों की मदद लेनी होगी। हमारी वेबसाइट पर इन सभी टॉपिक्स पर मुफ्त नोट्स जल्द उपलब्ध होंगे।
प्रश्न 3: क्या कंप्यूटर सेक्शन में नेगेटिव मार्किंग होती है?
उत्तर: हाँ, UPSSSC की अधिकांश परीक्षाओं में नेगेटिव मार्किंग (आमतौर पर 1/4 अंक) का प्रावधान होता है। इसलिए, केवल उन्हीं प्रश्नों का उत्तर दें जिनके बारे में आप निश्चित हों।
प्रश्न 4: कंप्यूटर की तैयारी के लिए प्रतिदिन कितना समय देना चाहिए?
उत्तर: यदि आपकी बेसिक जानकारी ठीक है, तो प्रतिदिन 1 घंटा पर्याप्त है। इसमें आधा समय नए टॉपिक्स को पढ़ने और आधा समय प्रैक्टिस करने में दें।
प्रश्न 5: क्या बिना कोचिंग के कंप्यूटर सेक्शन की तैयारी की जा सकती है?
उत्तर: जी हाँ, बिल्कुल! एक अच्छी रणनीति, सही अध्ययन सामग्री और नियमित अभ्यास से आप बिना किसी कोचिंग के भी इस सेक्शन में बहुत अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।
प्रश्न 6: नए टॉपिक्स (AI, IoT) से किस तरह के प्रश्न पूछे जा सकते हैं?
उत्तर: इन टॉपिक्स से मुख्य रूप से उनकी परिभाषा, अनुप्रयोग (Applications), मूल अवधारणा और संबंधित टेक्नोलॉजी पर आधारित प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
प्रश्न 7: मुझे आपकी वेबसाइट पर मुफ्त नोट्स और प्रैक्टिस सेट कैसे मिल सकते हैं?
उत्तर: आप हमारी वेबसाइट के 'UPSSSC Exam' सेक्शन में जाकर 'Computer Notes' पर क्लिक करके सभी अध्ययन सामग्री तक मुफ्त पहुंच प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
दोस्तों, यह स्पष्ट है कि UPSSSC ने कंप्यूटर विषय को एक नया और चुनौतीपूर्ण आयाम दिया है। पुराने ढर्रे पर चलकर अब इस परीक्षा में सफलता पाना मुश्किल है। UPSSSC Computer Syllabus में हुए बदलावों को अपनाना और एक स्मार्ट रणनीति के साथ तैयारी करना ही सफलता की कुंजी है। सही रणनीति, नवीनतम अध्ययन सामग्री और निरंतर अभ्यास के साथ, आप न केवल इस चुनौती को पार कर सकते हैं, बल्कि कंप्यूटर को अपना सबसे मजबूत और स्कोरिंग विषय भी बना सकते हैं।
हमें उम्मीद है कि यह लेख आपको नए सिलेबस और तैयारी की रणनीति को समझने में मदद करेगा। हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध मुफ्त प्रैक्टिस सेट्स और नोट्स का लाभ उठाना न भूलें।
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रुकना नहीं, थकना नहीं। बस चलते रहना है, क्योंकि तुम्हारी मंज़िल तुम्हारा इंतज़ार कर रही है